वरध तकत. Aldivan Teixeira Torres

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वरध तकत - Aldivan Teixeira Torres

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सकूँ। मैं गुफा में जाना चाहता हूँ लेकिन सिर्फ अपने लिये नहीं बल्कि इस पूरे ब्रम्हांड के लिए जिसने मुझे ये तोहफे दिये हैं। दुनिया में मेरी जगह होगी और ऐसे मैं खुश रहूँगा।

      - मेरा नाम नादजा है। मैं परनामबुको तट की रहने वाली हूँ। अपने यहाँ मैंने इस जादुई पहाड़ और गुफा के बारे में बहुत बातें सुनी है। तुरंत ही मुझे इस यात्रा को करने में दिलचस्पी हुई थी इस विचार के बाद भी कि यह सिर्फ एक कल्पित कहानी है। मैनें अपना सामान इकठ्ठा किया और, चल पड़ी, और मिमोसो पहुँची और पहाड़ों में आ गई। मैंने जैकपॉट मारा अब जब मैं यहाँ हूँ, मैं गुफा में जाऊंगी और मैं अपनी इच्छा पूरी कर लूंगी। मैं एक महान देवी होऊँगी, ताकतों और वरदानों से भरपूर। सब मेरी सेवा करेंगे। तुम्हारे सपने तो बहुत बकवास हैं। लेकिन क्यों कम मांगे जब हम सब सारा संसार मांग सकते है ?

      - तुम गलत हो। गुफा कोई छोटे मोटे चमतकार नहीं करती। तुम असफल हो जाओगी। संरक्षक तुम्हे प्रवेश नहीं करने देंगे। गुफा में प्रवेश करने के लिये तुम्हे तीन चुनौतियां जीतनी पड़ेंगी। मैंने पहले दो पड़ाव पर कर लिये हैं। तुमने कितने जीते हैं?

      - कितना बचकाना है, चुनैतियां और संरक्षक। गुफा उन्ही की इज़्ज़त करती है जो सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा विश्वासी होते हैं। मैं कल अपनी आकांक्षाओ को पूरा कर लूंगी और मुझे कोई नहीं रोक सकता, सुना तुमने?

      - तुम ज्यादा अच्छा जानती हो। जब तुम्हें पछतावा होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। मुझे लगता है मुझे चलना चाहिये मुझे आराम की जरूरत है क्योंकि बहुत देर हो चुकी है। मैं तुम्हे शुभकामनायें नहीं दे सकता क्योंकि तुम तो परमेश्वर से भी महान होना चाहती हो। जब मनुष्य इस जगह पर पहुँच जाता है तो वह खुद को बर्बाद कर लेता है।

      - बेकार है सब, सिर्फ कहने की बातें है। कोई भी चीज मुझे अपने निर्णय लेने से नहीं रोक सकती।

      यह देखते हुए की वह अटल है मैंने प्रयास करना छोड़ दिया, उसके लिए बुरा लग रहा था। कैसे लोग इतने तुच्छ

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