अस्वीकृत. Owen Jones
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“मुझे माफ करना, डिन, तुम जानती हो कि मैं तुम्हारे पिता से बहुत स्नेह रखती हूँ…..देखो, मैं तुम्हें बताती हूँ कि क्या है, मैं ने आत्मा के प्रवेश के अलावा सालों के अनुभव से कुछ पैंतरे भी सीखे हैं। आओ हम इस पर नज़र डालते हैं….. हाँ, पत्थर….. देखो, तुम्हारे पिता ने इस पर कहाँ थूका था? कोई निशान नहीं है! इसका अर्थ है कि उसके थूक में कोई नमक नहीं था, कोई नमक नहीं, कोई खनिज नहीं, कोई विटामिन नहीं, कुछ भी नहीं, केवल पानी।”
“अब काई,” उसने उसे थोड़ी दूरी रख कर सूंघा और फिर उसे अपनी नाक के नजदीक लाई। “बिलकुल वही! इसे सूँघो!” उसने इसे सूंघने के लिए डिन की ओर बढ़ाया, लेकिन डिन को अपने पिता का पेशाब सूंघने की कोई इच्छा नहीं थी।
“चलो सूँघो, यह तुम्हें काटेगा नहीं!” डा ने कहा। डिन ने वैसा ही किया जैसा उसने कहा था।
“कोई गंध, नहीं है, केवल काई जैसी गंध है।”
“बिलकुल! आदमियों के पेशाब को अगर लपेट कर रख दिया जाए तो वह बिल्लियों के पेशाब की तरह महकता है, लेकिन तुम्हारे पिता का नहीं महकता। इसलिए इसमें सड़ने के लिए कोई मांस है ही नहीं, इसलिए तुम्हारे पिता का पेशाब भी पानी है।”
“तुम रक्त के स्थान पर पानी से अधिक समय तक नहीं जी सकती, है ना? यही कारण है, है ना? तुम्हारा रक्त शरीर के चारों ओर से अच्छाई लेता है, लेकिन तुम्हारे पिता को कुछ भी नहीं मिला है, और यही कारण है कि वह इस समय इतना कमजोर है!”
“तुम अब घर जाओ, देखो, कहीं हमें बहुत देर न हो गई हो, और यदि वह अब भी हम लोगों के साथ है तो वापस आ जाओ और मुझे अपने उस स्कूटर पर ले चलो। अब जाओ, जल्दी करो!”
डिन लगभग उड़ते हुए दरवाजे से बाहर निकली और घर की ओर भागी।
जब डिन अपने पिता की जांच करने के लिए गई हुई थी, डा ने वहाँ जाने की तैयारी की, क्योंकि वह दिल ही दिल में जानती थी कि हेंग अभी मरा नहीं है, कुछ भी हो, पूरी तरह से नहीं।