एक मोहक चुम्बन. Amanda Mariel

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एक मोहक चुम्बन - Amanda Mariel

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गई। अपना बैग पैक करते हुए उसकी प्यारी बहन सिर से पाँव तक काँप रही थी। क्या उनकी बाकी ज़िंदगी ऐसी ही गुज़रने वाली थी? हमेशा अपनी शक्तियाँ छुपाते रहना? उस दिन का इंतज़ार करते रहना जब फिर से सब कुछ पीछे छोड़ना पड़ेगा? उनके आने वाले बच्चों का क्या होगा?

      मुआह ने अपने अंदर चल रही विचारों और भावनाओं की उथल-पुथल से बचने के लिए आँखें बंद कर लीं। ऐसी कई चीज़ें थीं जिन्हें वह वश में नहीं कर सकती थी, लेकिन उसने उसी पल अपने मन में निश्चय कर लिया। ईश्वर को साक्षी मान कर, वह जितना हो सके चीज़ों को वश में रखेगी।

      वह यह सुनिश्चित करेगी कि वह अपनी शक्तियाँ आने वाली पीढ़ियों को न दे, सुनिश्चित करेगी कि उसके बच्चे उसकी परेशानियों के हिस्सेदार न हों। मुआह कभी शादी नहीं करेगी। अपना खुद का कोई परिवार नहीं बनाएगी।

      “मुआह।“

      उसने आँखें खोलीं और लिली को अपने पास खड़े पाया, जिसके हाथ में बैग था। “क्या तुम तैयार हो?” मुआह ने पूछा।

      लिली ने सिर हिलाया और उसके पास से निकली, फिर उसकी ओर घूम कर उसके ठीक सामने रुक गई। “तुम एक पल पहले क्या सोच रही थीं?”

      “कि मैं कभी शादी नहीं करूँगी।“ मुआह ने कहा।

      लिली ने अपना सिर बहुत हल्के से तिरछा किया। “पर वह तो तुम करोगी ही।“

      “नहीं, मैं नहीं करूँगी। क्योंकि मैं इतनी क्रूर दुनिया में अपने बच्चों को लाने से इनकार करती हूँ।“ मुआह ने अपने कन्धे ताने और चेहरा ऊँचा उठाया। “मैं एक मासूम नवजात बच्चे के साथ इस तरह की चीज़ें नहीं होने दूँगी।“ उसने अपने आसपास की जगह में अपने हाथ लहराए। “उन्हें उनकी या मेरी सुरक्षा की चिंता में नहीं डालूँगी।“

      लिली ने अपनी साफ़ नीली आँखों से उसे देखा, जो हमदर्दी से भरी हुई थीं। “मैं समझती हूँ, हालाँकि मैं आशा करती हूँ कि किसी दिन तुम इस पर पुनर्विचार करोगी।“

      “मैं नहीं करूँगी। कभी भी नहीं।“ मुआह ने दृढ़ता से अपना सिर हिलाया। “हमारी शक्तियाँ कोई

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