ए कवसट ऑफ हरज. Морган Райс
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थोर ने अपने पिता द्वारा उसके लिए निर्धारित भाग्य को ना मानने का मन बना लिया था। शाही कारवां का पहला संकेत मिलते ही वो बस भाग कर घर जाएगा, अपने पिता का सामना करेगा, चाहे वो इस बात को पसंद करें या नहीं वो अपने आप को राजा के आदमियों से मिलवायेगा। वह दूसरों के साथ चयन के लिए खड़ा हो जाएगा। उसके पिता उसे नहीं रोक पाएंगे। यह सब सोचकर मानो जैसे पेट में बल पड़ गए थे।
पहला सूरज और ऊपर उठ गया था, और जब दूसरा सूरज हल्के हरे रंग में ऊपर उठने लगा तो ऐसे लगा मानो बैंगनी आकाश में प्रकाश की एक और परत जुड़ गयी हो, थोर ने उन्हें अब देख लिया था।
वह सीधा खड़ा था, उसके बाल भी। वहाँ क्षितिज पर, एक घोड़ा-गाड़ी की हल्की रूपरेखा दिखाई देने लगी थी, उसके पहिए आकाश में धूल उड़ा रहे थे। जब एक और नज़र आई तो उसकी दिल की धड्कनें तेज हो गयी; और फिर एक और। यहां से देखने पर भी सुनहरी गाड़ी सूरज की रौशनी में ऐसे चमक रहा थी मानो चांदी के रंग वाली मछली पानी में उछल रही हो।
वह उनमें से बस बारह को ही गिन पाया था और उससे अब और इंतज़ार नहीं हो पा रहा था। उसका दिल इतनी ज़ोरों से धड़क रहा था कि जीवन में पहली बार वो अपने झुंड को भूल गया, वो मुड़ा और पहाड़ी से नीचे की और लुड़कने लगा, उसने मन बना लिया था, अब वो नहीं रुकेगा और अपनी पहचान बता कर ही रहेगा।
*
वो पेड़ों के बीच से हो कर, टहनियों से चोट खा कर तेज़ी से नीचे की और जा रहा था और अब बस निमिष भर सांस लेने के लिए रुक गया और उसे किसी भी बात की परवाह नहीं थी। थोड़े से खुले में आने पर उसे अपना गाँव दिखाई दिया; यहाँ सफ़ेद मिटटी से बने एक-मंजिला कच्चे मकान थे। और यहाँ दर्ज़नों परिवार रहते थे। चिमनी से धुआं उठ्ता दिखाई दे रहा था क्योंकि बहुत से लोग सुबह का नाश्ता बना रहे थे। यह बेहद ही शांत जगह थी, और राजा के दरबार से बस एक दिन की दूरी