ए कवसट ऑफ हरज. Морган Райс
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“क्या तुम सच में जाना चाहते हो?” उन्होंने पूछा।
थोर ने जोर से सिर हिलाया।
“मैं चौदह का हूँ। मैं योग्य हूँ।”
“छंटाई चौदह से है,” ड्रेक उपेक्षा से कंधे उचकाते हुए बोला। “अगर उन्होंने तुम्हें चुन लिया तो तुम सबसे कम उम्र के होंगे। तुम्हें क्या लगता है मैं जो तुम से पांच साल बड़ा हूँ, मुझे छोड़ कर वे तुम्हें लेंगें?”
“तुम ढीठ हो,” दुर्स ने कहा। “तुम हमेशा से ऐसे ही हो।”
थोर उनकी ओर मुड गया। “मैं तुम से नहीं पूछ रहा हूँ,” उसने कहा।
वो अब अपने पिता की ओर मुड़ा, उनकी त्योरियाँ अभी भी चढ़ी हुयी थी।
“पिताजी, दया कीजिए,” उसने कहा। “कृपा करके मुझे एक मौका दीजिए। मैं बस यही चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि मैं अभी छोटा हूँ, लेकिन समय के साथ मैं अपने आप को साबित कर दूंगा।”
उनके पिता ने अपने सिर को हिलाया।
“बच्चे, तुम एक सिपाही नहीं हो। तुम अपने भाइयों के जैसे नहीं हो। तुम एक चरवाहे हो। तुम्हें बस यहीं रहना है। मेरे साथ। तुम्हें अपने कर्तव्यों का पालन करना है और उन्हें अच्छी तरह से करना होगा। किसी को भी इतना बड़ा सपना नहीं देखना चाहिए। अपने जीवन को गले लगाओ, और इसे प्यार करना सीखो।”
अपनी आँखों के सामने अपने जीवन को बिखरता देख उसका दिल टूटने लगा।
नहीं, उसने सोचा। यह नहीं हो सकता।
“लेकिन पिताजी —”
“चुप रहो!” वो चीखे, इतनी तीखी चीख मानो हवा को भी चीर देगी। बस बहुत हो गया। ये लो, वे लोग आ गए। रास्ते से हटो, और जब तक वो यहाँ है अपने शिष्टाचार का पालन करो।
उनके पिता आगे बढ़े और थोर को एक हाथ से परे कर दिया जैसे वो कोई वस्तु हो। उनकी मजबूत हथेली से जैसे थोर की छाती धंस गई थी।
एक गड़गड़ाहट की आवाज़ हुयी, और शहरवाले अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए ओर पंक्ति में लग गए। बहुत बड़े धूल के एक गुबार ने जैसे कारवां को ढक लिया था, और कुछ क्षणों के बाद वे गड़गड़ाहट के साथ दर्जनों घोड़ागाड़ी ले कर पहुंच गए।