रात की रौशनी (रक्त बंधन पुस्तक 2‎). Amy Blankenship

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रात की रौशनी (रक्त बंधन पुस्तक 2‎) - Amy Blankenship

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निक ने उसे खोला और जल्दी से सीढ़ियों से नीचे उतर गया। वहाँ मौजूद नमी और सीलन की गंध पर उसने अपनी नाक सिकोड़ी और छींक मारी। उसे हमेशा से तहख़ानों से नफरत थी।‎

      स्टीवन भी ऊपर वही काम कर रहा था, दरवाजों के पास से गुजरते हुए वह उन्हें खोल रहा था और अंदर झांक रहा था। उसी कार्यालय के दरवाजे के नीचे से रात से छन कर आती रौशनी को देख इस बार उसने दस्तक दी। वह दरवाजे के बाहर से गंध को सूंघ सकता था और जानता था कि बूढ़ा अकेला है।

      "क्या तुम हो, ज्वेल?" वही पुरानी आवाज आई।

      जब दरवाजा खुला स्टीवन जल्दी से एक कदम पीछे हट गया... वह और पुजारी आमने-सामने आ गए। बूढ़े चेहरे के कोमल भाव धीरे-धीरे बदल गए, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और उसके होंठ खुल गए। स्टीवन ने यह अंदाज़ा लगा कर कि आगे क्या होने वाला है, और अपना हाथ बढ़ाया, और उसका अंदाज़ा ग़लत नहीं था, पादरी ने उसके चेहरे पर दरवाजा पटकने की कोशिश की।

      दरवाजे को धक्का देकर, स्टीवन ने कमरे में प्रवेश किया, जिससे बूढ़े व्यक्ति के वजन के कारण दरवाजा उसके पीछे बंद हो गया। पीछे घूमते हुए उसने आगे बढ़ रहे हथियार को पकड़ लिया और उसे ग़ुस्से से कमरे के पार फेंक दिया। "मैंने पिछली बार तुमसे कहा था, मैं पिशाच नहीं हूँ।"‎

      "मैं अलमारी में जागा था।" पादरी ने अपनी मेज़ की तरफ पीछे हटते हुए उसे याद दिलाया। जब स्टीवन ने देखा कि बूढ़े व्यक्ति के हाथ ज़ाहिर है कि किसी और हथियार की खोज में मेज को टटोल रहे थे तो उसने गहरी सांस छोड़ी। उसकी उँगलियों को एक भारी-भरकम स्टेपलर पर लिपटते हुए देखकर उसने अपनी भौंहें सिकोड़ लीं।

      "मैं आपको चोट नहीं पहुँचाना चाहता," स्टीवन ने उसे सूचित किया। "लेकिन अगर आप उस स्टेपलर को नहीं छोड़ते हैं, तो आप फिर से उसी अलमारी में जागेंगे।" जब उस आदमी ने धीरे-धीरे उसे छोड़ दिया और सीधा खड़ा हो गया, तो उसने कृतज्ञता से सिर हिलाया। वह क़द में उससे थोड़ा छोटा था।

      "मुझे

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