सात ग्रह. Massimo Longo E Maria Grazia Gullo
Чтение книги онлайн.
Читать онлайн книгу सात ग्रह - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo страница 4
जनरल के बाज़ू में स्वयं कप्तान और पीछे कुछ सिपाही चल रहे थे, जो उसको कमान विश्राम कक्ष में ले आए, जो अधिकारियों के लिए आरक्षित था।
कप्तान ने उसका सत्कार किया तथा उससे पूछा कि क्या वह उसके लिए कुछ प्रस्तुत करे?
रुएग्रा ने ज़रा भी समय बर्बाद नहीं किया। उसने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और आदेश दिया:
“मैं उन राजनीतिक बंदियों की स्थिति की जांच करना चाहता हूँ, जो छठे ग्रह से युद्ध के दौरान यहाँ लाए गए थे। मुझे उन में से सर्वोच्च अधिकारी से बात कराओ।”
“जनरल वोफ?”
“हाँ, बिलकुल ठीक। उसे मेरे पास लाओ।”
“जी श्रीमान।”
कमांडर ने गार्ड को सर हिला कर इशारा किया और कुछ ही मिनट बाद वे एक अधेड़ आदमी कमरे में वापस आए। वह थका हुआ और शारीरिक रूप से कमजोर लग रहा था, लेकिन उसके चेहरे पर अब भी एक सैनिक की तरह गर्व और निडरता के भाव थे।
“हमें अकेला छोड़ दो।” रुएग्रा ने आदेश दिया।
वह अपने सबसे तीव्र बुद्धि दुश्मन के साथ अकेला था। उसे याद आया कि युद्ध के दौरान उसने अपनी रणनीतिक सोच के बल पर उन हालात को पलटा था, जो उसे मौत के मुँह में ले जा रहे थे, हालांकि उसके हाथ में बहुत कम छठों की कमान थी।
बात शुरू करने से पहले कुछ पलों के लिए वह हिचकिचाया। अपने सफर के दौरान उसने कई रणनीतियों पर विचार किया था। वह जानता था कि यह बहुत अविश्वसनीय था कि वह अपने दुश्मन को बचाने की बात करने जा रहा था। अब समय आ चुका था, कि वह चाल का चुनाव करे और आमना सामना मुक़ाबला करे।
इस उम्मीद पर कि उसके बुढ़ापे और थकान ने उसे और कमजोर बना दिया होगा, उस ने खुशामद का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया।
“मैं तुम्हें सलाम करता हूँ, वोफ। मुझे कहना पड़ेगा कि हालांकि तुम्हें सही इलाज नहीं दिया गया, इसके बावजूद तुम बुरे नहीं दिख रहे। हालांकि