चौथाई चाँद. Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

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चौथाई चाँद - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

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द्वारा बनाया गया भित्ति चित्र, वह प्राकृतिक अनंत छत जहां तक नज़र जाती थी, वहाँ तक फैली हुई थी, हमारी आत्माओं के अस्तित्व के रहस्य पर: इतनी छोटी, फिर भी अनन्त।

      अचानक लिबेरो नीचे कूद गया।

      “अब मैं भूख से मरा जा रहा हूँ।” उसने ज़ोर से हँसते हुए कहा।

      “तुम्हें भूख नहीं लगी है, एलियो?”

      “हाँ।”

      “आओ, हमें चल कर खाना खाना चाहिए। फिर कभी मैं तुम्हें ट्रैक्टर पर बैठा कर सैर कराऊंगा।”

      उसने घर की ओर बढ़ते हुए कहा।

      एलियो ने बिलकुल समय बर्बाद नहीं किया और उसके पीछे चल दिया। वह भी भूख से मरा जा रहा था।

      चौथा अध्याय

      एक आवाज़ उसके कानों में किसी अजनबी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी

      एलियो जल्दी ही उठ गया। इडा आंटी को नज़र अंदाज़ करना नामुमकिन था, जो लगातार उसका नाम ले कर चीख रही थीं। बाहर सूरज निकलने ही वाला था। उसने एक पल के लिए गुलाबी होते हुए आसमान को देखा, उस के मन में पिछली शाम सूरज के डूबने का चित्र खिंच गया और उसने उन शांति के क्षणों को को फिर से जी लिया। लेकिन यह बहुत देर तक नहीं चला क्योंकि उसके कानों में एक तीव्र घंटी सी बजने लगी, जो उसकी आत्मा को छलनी किए दे रही थी और उसने उसे वास्तविकता में आने को मजबूर कर दिया। एलियो, जो अब भी पाजामों में था और आशा कर रहा था कि उसे नाश्ते के लिए जगाया जाएगा, वह रसोई घर में जाने को विवश हो गया।

      उसकी आंटी, भाई और बहन पहले ही कपड़े पहन कर और बालों में करीने से कंघी कर के तैयार हो चुके थे, जैसे अभी 5.30 की जगह 8 बज चुके हों। घर में उत्सव का माहौल था; एर्कोल समर कैंप से वापस घर आ रहा था और इडा इस बात से उत्साहित थी कि उनका बेटा वापस घर आ रहा है। वह पाँच दिन तक घर से बाहर था और वह चिंताग्रस्त रही थी। जब से लिबेरो के साथ बचपन में वह हादसा हुआ था, तब से जब भी उसके बच्चे बाहर जाते थे, वह हमेशा चिंतित रहती थी। वह कभी भी उन्हें अपनी नज़रों से दूर नहीं करना चाहती थी।

      जैसे ही उसने एलियो को इस अस्तव्यस्त हालत में

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