चौथाई चाँद. Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

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चौथाई चाँद - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

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तुम्हारी बहन का सामान तो कुछ भी नहीं है!” लिबेरो ने उसे चिढ़ाया, और वह भी चलने लगा।

      कुछ दूरी पर पहले कुछ घर दिखाई दिये थे।

      “वह वहाँ है! चेरी के पेड़ों के पीछे वाला घर हमारा है। वह खेत है।”

      लिबेरो ने एक गहरे लाल रंग के घर की ओर इशारा किया, जिसकी खिड़कियों पर हरे ब्लाइंड थे। सामने के द्वार से कपड़े सुखाने की रस्सी तक एक समृद्ध और सुंदर बागीचा फैला हुआ था, जहां से तबेले की शुरुआत होती थी। इसके आगे केवल खेत थे।

      “माँ, हम आ गए!” लिबेरो सामान रास्ते पर छोड़ कर चिल्लाया और तबेले की ओर भाग गया।

      इडा आंटी सामने के दरवाजे से बाहर आईं।

      “मेरे भतीजे और भतीजी!” वह खुशी से चिल्लाई।

      गाइया ने अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। एलियो, जो थक गया था, उसके पास गया और केवल नम्रता ज़ाहिर करने के लिए उसके गाल को चूम लिया।

      इडा अपने पचासवें वर्ष में थी, लेकिन उसकी कुदरती सुंदरता ज़रा भी कम नहीं हुई थी। वह एक छरहरी, औसत क़द की महिला थी....उसका शरीर सुडौल था, हालांकि उसकी बाहें और टांगें किसी धावक की तरह मांसल और मजबूत थीं। खेत की मुश्किल ज़िंदगी उसके लिए रोज़ की कसरत थी। उसने अपने सुनहरे बालों को पोनीटेल में बांध रखा था और उसकी गोरी त्वचा उसकी हरी आँखों को दर्शनीय बना रही थी, बिलकुल उसके भांजे की तरह।

      इसी बीच लिबेरो तबेले से बड़ी सी मुस्कान लिए वापस आ गया।

      “कैमिला को बछिया हुई है! हमारे लिए और अधिक दूध!”

      इडा आंटी ने उन्हें अंदर आमंत्रित किया। मेज़ सजी हुई थी और लज़ीज़ खाने की खुशबू हवा में तैर रही थी। बच्चे भूखे थे और वे सब कुछ खा गए। गाइया अपनी बुआ को अपने एहसास के बारे में बताने से खुद को रोक नहीं पाई, जो उसने पूरी यात्रा के दौरान महसूस किया था।

      खाने के बाद गाइया ने साफ-सफाई में इडा की मदद की। दूसरी तरफ लिबेरो एलियो को अपनी मदद के लिए अधिकार पूर्वक खेत पर खींच ले गया।

      शाम को आंटी इडा ने बताया कि गर्मियों

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